मुंबई/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। महाराष्ट्र में जारी सियासी उठा-पटक के बीच शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को मीडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत की। बातचीत के दौरान उन्होंने दावा किया कि हमारे पास 50 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है। इनमें शिवसेना के 37 से ज्यादा विधायक हैं। उद्धव कैबिनेट के मंत्री ने कहा, ” जिन्हें हमारी भूमिका पर भरोसा है, जो बालासाहेब की आइडियोलॉजी को आगे लेकर जाना चाहते हैं, जिन्हें वो पसंद हैं, वो हमारे साथ आएंगे।”
सुनील प्रभु को कोई अधिकार नहीं :
एकनाथ शिंदे ने 12 बागी विधायकों को अयोग्य घोषिट करने की अर्जी के संबंध में कहा, “कल जो किया गया, वो गौरकानूनी है। उन्हें ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है। बहुमत में हम लोग हैं और लोकतंत्र में नंबर का ही महत्व होता है। ऐसा निलंबन वो कर नहीं सकते। मीटिंग अटेंड नहीं किया तो उस पर नोटिस दे रहे हैं। पहली बात तो जो व्हिप है, सुनील प्रभु को कोई अधिकार नहीं है। शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने कहा, “वो माइनॉरिटी में हैं और हम मेजोरिटी में। इसलिए कोई निष्कासन नहीं होगा। यह डराने की बात है, हम डरने वाले नहीं हैं। हमारे सभी विधायक पूरी तरह तैयार हैं। हमारी जो महिला बहनों को दो नोटिस दिया है, उन्होंने कहा कि ऐसे 10 नोटिस आएं तों भी हम नहीं डरते।”
कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए :
एकनाथ शिंदे ने कहा कि हमें जो लेटर दिया है, वो गैरकानूनी है। उस पर कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए, ऐसा हमने लेटर दिया है। गवर्नर से बात करने के सावल पर उन्होंने कहा कि हमारी बैठक होने के बाद तय करेंगे कि आगे क्या करना है। अभी मुख्यमंत्री से कोई चर्चा शुरू नहीं हुई है। बता दें कि कल भी शिंदे ने प्रभु द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल नहीं होने के लिए अपने गुट के विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वालों पर भी पलटवार करते हुए दावा किया था कि व्हिप केवल विधायी कार्यों के लिए लागू होता है। शिंदे ने ट्वीट किया,‘‘आप किसे धमकी देने की कोशिश कर रहे हैं? हम आपकी चालबाजियों को जानते हैं और कानून को भी समझते हैं। संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुसार, व्हिप विधायी कार्यों के लिए लागू होता है न कि किसी बैठक के लिए।”