रायपुर। द मीडिया पॉइंट। कुणाल सिंह ठाकुर। नियमितिकरण को लेकर हड़ताल में बैठे संविदा कर्मचारियों को कैबिनेट की बैठक में निर्णय नहीं लेने से नाराज हैं। सोमवार 10 जुलाई को प्रदेश के लगभग 10 हजार संविदाकर्मी रायपुर धरना स्थल में पहुंचेंगे और नियमितीकरण के लिए 8 मार्च 2019 और पुनः 11-12-2019 को गठित समिति को घेराव कर मांग करेंगे की, अध्यक्ष पिंगुवा शामिल 5 सदस्यो द्वारा इतने दिनो में क्या निर्णय लिया गया है। साथ ही उक्त समिति के पदाधिकारीयो को सार्वजनिक रूप से ज्ञापन सौपा जायेगा। महासंघ के प्रांत अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि सरकार के पौने पांच साल बीत जाने के बाद भी नियमितिकरण के संबंध में निर्णय नहीं ले जाना यह दुखद स्थिति है।

समाचार पत्रों में 6 जुलाई के कैबिनेट बैठक में संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की संभावना जाहिर की गई थी। जिसके बाद प्रदेश के 45000 संविदा कर्मचारियों को सरकार से आश बंधी थी कि मौजूदा भूपेश सरकार से तोहफा मिलेगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। जिसके कारण कर्मचारियों में सरकार के प्रति भारी रोष उत्पन्न है। श्रीकांत लास्कर प्रदेश महासचिव ने बताया कि आज सभी कर्मचारी काले कपड़े पहनकर नियमितीकरण नही किये जाने के कारण और कैबिनेट की बैठक में पहल नही होने से विरोध प्रदर्शन करँगे। जिसमे पूरे राज्य के समस्त जिलों से लगभग 20000 कर्मचारी तूता में एक जुट होकर मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, कैबिनेट मंत्री और कमेटी को ज्ञापन सौंपेंगे। कार्यकारी अध्यक्ष अशोक कुर्रे वर्ष 2019 में गठित कमेटी का रिपोर्ट अभी भी निर्णय नहीं हो पाया है। संविदा कर्मचारी लगातार इस संबंध में आवेदन निवेदन करते रहे लेकिन उनकी पीड़ा कोई नहीं समझ रहा।

कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सिन्हा ने कहा कि आंदोलन अब और भी तीव्र होता जायेगा, क्योंकि सरकार बात करने की कोई पहल नहीं कर रही है। मीडिया प्रभारी और प्रवक्ता सूरज सिंह ठाकुर ने कहा कि राजधानी में जुटी भीड़ आने वाले दिनों में सरकार का भविष्य तय करेगी। देर से मिला न्याय भी अन्याय के समान है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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