बालोद/रायपुर। जीशान सिद्दीकी। सोशल मीडिया के जमाने में छोटी सी छोटी रोचक व बड़ी घटना तेजी से वायरल होती है। ऐसे ही जहां छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मिला “कका” उपनाम चर्चित रहा है। जब भी लोग उन्हें कका कहकर संबोधित करते हैं उनकी वीडियो कहीं ना कहीं से वायरल होती है। ऐसी ही एक मोहक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जो बालोद ब्लॉक के ग्राम जगन्नाथपुर की रहने वाली 3 साल की वैष्णवी यादव की है। 3 साल की उम्र में ही वैष्णवी राज्य के मुख्यमंत्री की फोटो को पहचानती है और जो वीडियो वायरल हुआ है उसमें वही दिख रहा है कि कैसे वह एक जगह लगे मुख्यमंत्री के बोर्ड को देखकर पूछने पर बता रही है कि वे “कका” हैं। वीडियो में सवाल और जवाब छत्तीसगढ़ी में हुआ है। जो मोहक लग रहे हैं। इस वीडियो को रायपुर की “हमर भूपेश कका” टीम द्वारा भी आकर्षक तरीके से एडिट किया गया है। जिसे सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर प्रसारित किया जा रहा है। लोगों द्वारा इस वीडियो को काफी पसंद किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ संवाद, जनसंपर्क विभाग सहित बालोद जिले के इंस्टाग्राम आईडी पर भी यह वीडियो ट्रेंड कर रहा है। लोग इसे अपने व्हाट्सएप अकाउंट, फेसबुक अकाउंट पर भी स्टेटस व पोस्ट में शेयर कर रहे हैं। ट्विटर पर भी इसे मुख्यमंत्री को टैग करके लोगों द्वारा ट्वीट किया गया है। उक्त वीडियो बच्ची के पिता दीपक यादव ने बनाई है। जब वे किसी काम से जगन्नाथपुर के ग्राम पंचायत गए हुए थे। उनके साथ बच्ची भी थी। वहां पर आत्मानंद स्कूल को लेकर मुख्यमंत्री की फोटो सहित बोर्ड लगाया गया है। जिसे देखने पर उन्होंने अपनी बच्ची से तस्वीर को पहचानने के लिए पूछा। इस दौरान उन्होंने वीडियो रिकॉर्ड किया था। पिता ने छत्तीसगढ़ी में पूछा- वो फोटो में दिखत हे ते कोन हरे बेटी? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तस्वीर देखकर बच्ची कहती है “कका”। इस शब्द के साथ बच्चे के चेहरे पर मुस्कान और मासूमियत देखते ही बन रही है। जो दिल छू लेती है। लोग इस बच्ची को सोशल मीडिया पर “कका वाली नोनी” नाम दे रहे हैं।
ये वही बेटी है जिनके नाम से दीपावली में जलते हैं हर आंगन पर 5-5 दीपक
बता दे कि वैष्णवी यादव वही बेटी है, जिनके नाम से जगन्नाथपुर में हर साल दीपावली पर यादव परिवार सहित ग्रामीणों द्वारा अपने आंगन में 5-5 दीपक जलाकर बेटियों का सम्मान किया जाता है। “बेटी है तो कल है” के थीम पर इस गांव में दिवाली मनाई जाती है। परिवार में बेटी के जन्म होने पर खास तरीके से नामकरण कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए यह पहल बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई है।