रायपुर। डेस्क। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में बच्चों के लर्निंग लास, गणितीय कौशल, भाषाई ज्ञान को सुधारने में बड़ी सफलता मिली है। 51 से घटकर लर्निंग लॉस का आंकड़ा 7 प्रतिशत पहुंच चूका है। छत्तीसगढ़ की इस सफलता पर देशभर में तारीफ हो रही है। NCERT, CIET की राष्ट्रीय स्तरीय बैठक में अधिकारियों ने तारीफ ही नहीं की बल्कि अन्य राज्यों में लागू करने की अपील करते हुए शिक्षा गुणवत्ता में सुधार लाने का कारगर उपाय बताया। छत्तीसगढ़ SCERT से मिली जानकरी के अनुसार NCERT, CIET की राष्ट्रीय स्तरीय बैठक में छग की रणनीति का प्रजेंटेशन दिया गया।

बेसलाइन और इंडलाइन इन तीन तरह का सर्वे कर परीक्षा आयोजित की गई और उस पर काम किया गया। प्रथम सर्वे में 51 प्रतिशत विद्यार्थी अपनी कक्षा के लायक नहीं थे। 27,00,000 से ज़्यादा विद्यार्थियों में आकलन किया। आंकलन परीक्षा आयोजित कर रणनीति के तहत काम किए। फिर नतीजा 39 प्रतिशत आया। फिर सेतु पाठ्यक्रम और अन्य पाठ्यक्रम के माध्यम से काम किया, जिसमें बड़ी सफलता मिली. अब महज 7-8 प्रतिशत विद्यार्थी अपनी कक्षा के लायक नहीं है। SCERT डायरेक्टर आईएएस राजेश सिंह राणा ने बताया कि NCERT के ट्रेंडिंग में छत्तीसगढ़ के लर्निंग लॉस में गिरावट आई है जो कि 51 से 7 प्रतिशत पहुंच गया है।

नवाजतन योजना का असर :
आपको बता दें की कोरोना काल के दौरान लगभग 18 माह तक स्कूल बंद होने के कारण बच्चों को हुई पढ़ाई के नुकसान लर्निंग लॉस की भरपाई करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में शिक्षा विभाग और SCERT के द्वारा नवाजतन कार्यक्रम की शुरुआत जनवरी 2022 में की गई। इसी कार्यक्रम का असर है जो की प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधरा है और 51 प्रतिशत से घटकर लर्निंग लॉस का आंकड़ा 7 प्रतिशत पहुंच गया है।

छत्तीसगढ़ को मिली इस कामयाबी के पीछे शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, तत्कालीन सचिव कमलप्रीत सिंह,शिक्षा विभाग के सचिव एस भारतीदासन, विशेष सचिव शिक्षा विभाग एवं एससीईआरटी के डायरेक्टर आईएएस राजेश सिंह राणा की विशेष भूमिका रही।