रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। 2024 लोकसभा चुनाव में इतिहास बनना तय है। अगर नरेंद्र मोदी की बीजेपी सरकार जीत की हैट्रिक बनाती है, तो भी इतिहास बनेगा। नरेंद्र मोदी पहले ऐसे गैर कांग्रेसी नेता होंगे, जो लगातार तीन बार प्रधानमंत्री पद के लिए चुने जाएंगे। अगर नतीजे बीजेपी के खिलाफ गए तो भी इतिहास बनेगा। 2024 का मुकाबला नरेंद्र मोदी वर्सेज विपक्ष है। राजनीतिक नजरिये से इसे एनडीए बनाम इंडिया गठबंधन का नाम दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 370 और एनडीए कुनबे को 400+ सीटें मिलेंगी।

NDA के खिलाफ I.N.D.I.A. :

एनडीए के मुकाबले के लिए कांग्रेस, टीएमसी, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, एनसीपी शरद पवार, शिवसेना, डीएमके, सीपीआई समेत कई पार्टियां एकजुट हुईं हैं। एनडीए के साथ बिहार में जेडीयू, लोकजनशक्ति पार्टी और हम है, जबकि यूपी में सुभासपा, आरएलडी और अपना दल (सोनेलाल) के साथ बीजेपी ने गठबंधन किया है।

उत्तर के राज्यों में किसका पलड़ा भारी?

राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें हिंदी पट्टी के चार बड़े राज्यों यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश, राजस्थान के अलावा दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़ और झारखंड पर टिकी हैं। 2019 के आम चुनाव में बीजेपी और एनडीए ने 95 फीसदी से ज्यादा सीटें जीत ली थीं। इसके अलावा गुजरात और महाराष्ट्र में भी बीजेपी को बड़ा फायदा मिला था। कांग्रेस पार्टी के लिए 2024 का चुनाव अस्तित्व की लड़ाई जैसी है।

क्षेत्रीय दलों का क्या होगा?

इसके अलावा क्षेत्रीय दलों का भविष्य भी मई में होने वाले चुनाव नतीजों पर टिकी हैं। अभी तक पश्चिम बंगाल में टीएमसी और पंजाब में आम आदमी पार्टी दो ऐसी पार्टियां सामने आई हैं, जो अपने-अपने राज्यों में बीजेपी का कड़ा मुकाबला कर रही है। महाराष्ट्र में शिवसेना और एनसीपी में बंटवारे के बाद विपक्ष की स्थिति कमजोर हो चुकी है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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