नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। आपने अब तक पेट्रोल-डीजल के रेट में बढ़ोतरी की कई खबरें देखी, सुनी होंगी। यहां तक कि भारत में इस बढ़ोतरी की परेशानी झेल भी रहे होंगे। लेकिन क्या बांग्लादेश की खबर आपने सुनी? नहीं, तो जान लीजिए कि इस देश ने सबको पीछे छोड़ते हुए एक नया इतिहास लिख दिया है। यह इतिहास पेट्रोल के दाम में अधिकतम बढ़ोतरी का है। बांग्लादेश ने एक झटके में पेट्रोल रेट में 50 फीसद की बढ़ोतरी की है जो कि इतिहास में सर्वाधिक है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1971 में इस देश की आजादी के बाद यह एक बार में सबसे बड़ी वृद्धि है।
पेट्रोल के दाम में इस बड़ी वृद्धि ने लोगों को सकते में डाल दिया है। लोग अचंभे में हैं कि आखिर हुआ क्या। लोगों को श्रीलंका वाला डर सताने लगा है। कई जगह तो विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है जिसके खिलाफ पुलिस को कार्रवाई तक करनी पड़ी है। ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट बताती है कि सरकार ने पेट्रोल के दाम में ज्योंहि बढ़ोतरी की, उसके बाद पेट्रोल पंपों के बाहर लोगों की लंबी लाइनें दिख रही हैं। सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो हैं जिनमें देखा जा सकता है कि लोग लंबी लाइनों में पेट्रोल पंपों पर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं ताकि जल्दी में गाड़ी की टंकी फुल करा लें।
कहां से कहां पहुंच गए दाम :
इस बीच एक खबर ये भी है कि ढाका आसपास के कई इलाके जैसे कि मोहम्मदपुर, अगरगांव, मालीबाग और सटे क्षेत्रों में कई पेट्रोल पंपों ने अपना काम रोक दिया। इन पेट्रोल पंपों ने बाद में तब अपना काम शुरू किया जब रेट बढ़ गए। बांग्लादेश ऑफ पावर, एनर्जी एंड मिनरल रिसोर्स ने एक नोटिफिकेशन में कहा है कि ऑक्टेन की कीमत अब 135 टका होगी जो कि पहले से 51.7 परसेंट की बढ़ोतरी के बाद का दाम है। पहले एक लीटर ओक्टेन का दाम 89 टका था। दाम बढ़ोतरी को जायज ठहराते हुए बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPC) ने कहा है कि इस साल फरवरी से जुलाई के बीच तेलों पर बहुत घाटा देखा गया है, जिसके बाद दाम बढ़ोतरी का ऐलान हुआ।
क्यों बढ़ी इतनी महंगाई?
रूस-यूक्रेन युद्ध और कोविड-19 महामारी ने तेलों के दाम बढ़ाने में बड़ा रोल निभाया है। इन दोनों घटनाक्रम के चलते तेलों के दाम में बड़ी बढ़ोतरी देखी जा रही है। बांग्लादेश में पेट्रोल के दाम में 51 परसेंट तो डीजल में 42 परसेंट का इजाफा हुआ है। रूस-यूक्रेन के चलते डिमांड और सप्लाई का समीकरण खराब हुआ और कोविड महामारी के कारण ओपेक देशों ने तेलों की सप्लाई कम कर दी। इससे पूरी दुनिया में सप्लाई पर असर देखा जा रहा है। इससे दाम में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। बांग्लादेश की इस महंगाई के बाद लोग सड़कों पर उतर गए हैं। अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन देखा जा रहा है।
सड़कों पर उतरे लोग :
महंगाई के खिलाफ बांग्लादेश के लोग सड़कों पर उतर गए हैं। पोस्टर और बैनर के साथ लोग सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। कहीं-कहीं से हिंसक प्रदर्शन की भी खबरें हैं। लोगों को डर है कि महंगाई के चलते बांग्लादेश का हाल कहीं श्रीलंका की तरह न हो जाए। श्रीलंका में भी ऐसी ही स्थिति है जहां पेट्रोल और डीजल अब लोगों की पहुंच से दूर है। जरूरी सेवाओं के लिए ही पेट्रोल की बिक्री की जा रही है। श्रीलंका आज बर्बादी की कगार पर खड़ा है। बांग्लादेश में खाने-पीने की चीजों की महंगाई के बाद पेट्रोल-डीजल के रेट भी तेजी से बढ़े हैं। इससे लोगों में गुस्सा है और वे सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।