नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। श्रीलंका अभी आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए श्रीलंका में आय के अहम सोर्स टूरिज्म पर फिर से काम किया जा रहा है। अब श्रीलंका में रामायण ट्रेल यानी रामपथ गमन को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे भारतीय पर्यटक श्रीलंका की ओर आकर्षित हो सके। इसी क्रम में श्रीलंका के नवनियुक्त टूरिज्म एंबेसडर और क्रिकेटर सनथ जयसूर्या ने भारत कई हाईकमिश्नर गोपाल बागले से मुलाकात की भी की है। इसके साथ ही जयसूर्या ने कहा है कि उनका देश भारतीय पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए रामायण ट्रेल (राम पथ गमन) को प्रोत्साहित करेगा। जयसूर्या का मानना है कि पर्यटन को बढ़ावा मिलने से श्रीलंका को इस आर्थिक संकट में मदद मिलेगी। ऐसे में जानते हैं कि रामायण ट्रेल यानी रामपथ गमन है क्या और श्रीलंका में रामायण से जुड़े कितने स्थान है? इसके अलावा जानते हैं श्रीलंका के किन किन स्थानों से रामायण के क्या क्या प्रसंग जुड़े हैं।
वैसे भारतीयों के लिए श्रीलंका अहम डेस्टिनेशन में से एक रहा है। मई में भारत से 5,562 पर्यटक श्रीलंका की यात्रा पर गए, जिसके बाद ब्रिटेन का नंबर है, जहां के 3,723 पर्यटक श्रीलंका विजिट पर गए थे। साल 2008 में ही भारत और श्रीलंका रामायण विरासत पर एक साथ काम करने और धार्मिक मूल्यों को मजबूत करने को लेकर सहमत हुए थे।
कहां कहां है वो स्थान?
श्रीलंका में कई स्थान चिह्नित किए गए हैं, जहां रामायण से जुड़े प्रसंग बताए जाते हैं, जिसमें बताया जाता है कि सीताहरण के बाद की घटनाएं कहां हुई थी और आज वहां क्या है। बता दें कि श्रीलंका में रामपथ गमन से जुड़े 52 स्थान हैं यानी वहां से रामायण से जुड़े कई प्रसंग हैं। जैसे सीता माता को कहां रखा गया था, अशोक वाटिका कहां थी, भगवान हनुमान ने कहां से लंका में आग लगाना शुरू की थी, रावण का महल कहां था? तो जानते हैं वो जगह आज के श्रीलंका में कहां थी।
सिगिरिया- श्रीलंका के सिगिरिया के लिए कहा जाता है कि यहां ही रावण रहता था और यहां ही रावण का महल था। रावण का महल एक बड़ी सी पहाड़ बराबर चट्टान पर था। ऊपर से देखने पर लगता है कि यह महल सुरक्षित होने के सात ही काफी भव्य था और इतने ऊंचे स्थान पर रावण रहता था।
नुवासा एलिया- श्रीलंका में जो नुवासा एलिया नाम की जगह है, उसके लिए कहा जाता है कि यहां माता सीता को सबसे ज्यादा दिन तक रखा गया था। यहां सीता माता का मंदिर भी है और इस स्थान को सीता एलिया भी कहते हैं। इस स्थान के लिए कहा जाता है कि रामायण काल में यहां ही अशोक वाटिका था।
सीता रिवर- यहां एक नदी है, जिसका नाम सीता रिवर है। इसके पास ही अशोक वाटिका थी, जहां हनुमान सीता जी से मिलने आए थे। इस नदी के लिए कहानियां है कि यहां सीता माता नहाती थीं। इसके अलावा यहां ही रावण, रावणहत्था बताया करता था।
एल्ला- एल्ला के लिए कहा जाता है कि यहां भी सीता माता को रखा गया था। यहां एक गुफा है और इस अनोखी गुफा में सुरक्षा का खास ध्यान रखा गया था।
वानावतुना- इस जगह के लिए कहा जाता है कि हनुमान लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी के लिए पूरा पहाड़ ला रहे थे तो उसका एक हिस्सा यहां गिर गया था।
दिवरुमपोला- इस जगह पर सीता के अग्नि परीक्षा देने की बात कही जाती है। अब इस जगह पर मंदिर है।