रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। राजधानी के वीआईपी रोड स्थित फुंडहर इलाके का गौठान बेजुबानों के लिए शमशान बन चूका है। ऐसा हम इसलिए कह रहें हैं क्योंकि वहां कई गाए मृत पड़े हुए है। सूत्रों की माने तो चारा समय पर नहीं देना और देखरेख नहीं करना गायों की मृत्यु का कारण हो सकता है। द मीडिया पॉइंट के रिपोर्टर ने बताया कि मौके पर जाके देखने पर दिल सहम सा गया था, कुछ गाए और छोटे बछड़े जमीन पर ही मरे पड़े हुए थे और कई गाए चारा डालने वाली जगह में मृत पड़े थे।

अबतक इसपर न ही स्थानीय नेता की नजर पड़ी है न ही किसी जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी की। मृत गाए और बछड़े यूं ही पड़े-पड़े सड़ रहें हैं।

यहां सवाल यह उठता है कि गोधन (गोबर) व्यापार करने के बाद और अब गोमूत्र का व्यापार करने का सोच रही प्रदेश सरकार के बनाए गौठान का ये हाल कैसे? राजधानी से लगे होने के बावजूद इतनी लापरवाही कैसे? बेजुबानों के लिए लाया गया चारा उनको क्यों नहीं दिया गया? क्या गायों और बछड़ों की हत्या करने के लिए गौठान बनाए गए है? क्या बेजुबानों की जान, जान नहीं है?
इतनी बेरहमी से मृत पड़े गाए और बछड़ों की जिंदगी से शायद गौठान के ठेकेदारों को भी कोई फर्क नहीं पड़ता होगा, इसलिए इस प्रकार का कृत्य किया गया है। अब देखना यह है कि कबतक प्रशासनिक अधिकारी इस मामले में एक्शन लेते हैं और कबतक संबंधित लोगों पर मामला दर्ज होता है।
