नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत 22 गोल्ड, 16 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज सहित कुल 61 मेडल के साथ चौथे स्थान पर रहा। सभी भारतीय पहलवानों ने देश की झोली में मेडल्स डाले। भारत ने कुल 12 पहलवानों का दल बर्मिंघम भेजा था, जिसमें 6 पुरुष और 6 महिला खिलाड़ी थीं और सभी मेडल्स के साथ घर लौटे। भारत ने कुश्ती में 6 गोल्ड, 1 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज मेडल जीते। इसमें से महिला पहलवानों ने 2 गोल्ड, एक सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज सहित 6 मेडल जीते।
गोल्ड से चूकी थीं 4 पहलवान :
हालांकि भारतीय कुश्ती महासंघ महिला पहलवानों के प्रदर्शन से खुश नहीं है और महासंघ ने उनके प्रदर्शन की समीक्षा करने का ऐलान कर दिया है। विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने गोल्ड मेडल जीते, जबकि अंशु मलिक ने सिल्वर और पूजा गहलोत, दिव्या काकरान और पूजा सिहाग ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। महासंघ 4 पहलवानों के प्रदर्शन से नाखुश है। ये चारों खिलाड़ी कमजोर ड्रॉ के बावजूद गोल्ड मेडल जीतने से चूक गईं। अंशु ने 57 किग्रा में सिल्वर, पूजा गहलोत (50 किग्रा), दिव्या काकरान (68 किग्रा) और पूजा सिहाग (76 किग्रा) ने कमजोर प्रतिद्वंद्वियों के बावजूद ब्रॉन्ज मेडल जीता।
कमजोर ड्रॉ का नहीं उठा पाई फायदा :
50 किग्रा भार वर्ग में केवल 6 पहलवान उतरी थीं, जिसमें पूजा कनाडा की मेडिसन बियांका पार्क्स से हार गई और प्लेऑफ में ब्रॉन्ज जीता। 76 किग्रा में 8 और 68 किग्रा में 9 पहलवान थीं। सिर्फ 68 किग्रा में दिव्या के सामने ही टोक्यो ओलिंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट नाइजीरिया की ब्लेसिंग ओब्रूडूडू जैसी मजबूत पहलवान की चुनौती थी। वे ब्लेसिंग के खिलाफ एक भी अंक नहीं जुटा पाई थीं। दिव्या ने कैमरून की कमजोर पहलवान ब्लानडिन नयेह एनगिरी को हराकर ब्रॉन्ज जीता था।
पहलवानों को सोचने की जरूरत :
महासंघ अंशु के प्रदर्शन से काफी नाखुश हैं, क्योंकि वो गोल्ड की सबसे बड़ी दावेदार थीं। फाइनल में अंशु के सामने उनसे 7 साल बड़ी अफ्रीकी चैंपियन ओडुनाओ फोलासाडे एडेकुओरोये की चुनौती थी। महासंघ के एक अधिकारी ने कहा कि अगर आप कमजोर ड्रॉ के बावजूद जीत दर्ज नहीं कर पा रहे हैं तो इससे आपका प्रदर्शन दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि पहलवानों के साथ बैठकर हम उनके प्रदर्शन की समीक्षा करेंगे। अंशु एडेकुओरोये के खिलाफ सही दांव नहीं लगा सकी। पहलवानों को इसके बारे में सोचना चाहिए।
