कानपुर/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच चल रही है। इसी क्रम में हमीरपुर जिले मौदहा कोतवाली कस्बे में अधिकारियों की एक टीम तीन मदरसों की जांच करने पहुंची। इस दौरान टीम ने माहिर उल उलूम, मदरसा दाता गरीब नवाज और फैजान ए बदरुल औलिया मदरसे का जायजा लिया। निरीक्षण में अधिकारियों को मदरसों में बच्चे पढ़ते हुए नहीं मिले। वहीं, टीम के आने की सूचना पर दो मदरसों में ताला लगाकार उसके संचालक फरार हो गए। बताया जा रहा है कि इसमें एक मदरसा आवासीय स्कूल की तरह संचालित हो रहा था। कम्हरिया स्थित फैजान ए बदरुल औलिया मदरसे में जब जांच टीम पहुंची तो पाया कि यहां बकायदा किचेन में खाना बन रहा था और बच्चों के रहने की व्यवस्था थी। लेकिन, स्कूल में न बच्चे पढ़ने आए थे, न ही प्रधानाचार्य दिखे। वहां मौजूद एक अध्यापक ने बताया कि यहां बच्चों के रहने की व्यवस्था नहीं है। 20 बच्चे सुबह पठन-पाठन करने के लिए यहां आते हैं। मदरसे के प्रधानाचार्य मुईन उद्दीन से जब अधिकारी ने फोन पर बात की तो बताया कि यहां बच्चे शिक्षा लेने के लिए आते हैं।
मदरसों की फंडिंग के बारे में जुटाया जा रहा ब्योरा :
जांच टीम ने यह भी जानने की कोशिश की कि इन्हें कब से संचालित किया जा रहा है। अबतक यहां से कितने बच्चों ने पठन-पाठन किया है। मदरसों में तालीम देने वाले शिक्षकों की संख्या भी अधिकारियों ने जाना। साथ ही इन मदरसों में कितने कर्मियों की नियुक्ति हुई है और इनका मेहनताना कितना मिलता है, इसका भी ब्योरा भी जिले की टीम ने लिया। जिले में 86 मदरसे रजिस्ट्रर्ड हैं। जबकि, कई मदरसे बगैर मान्यता के पिछले 10 साल से संचालित हो रहे हैं।
5 अक्टूबर तक गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की होगी जांच :
जिला अल्पसंख्यक अधिकारी हिमांशु अग्रवाल की माने तो 5 अक्टूबर तक गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच होगी। जांच टीम में उनके अलावा बेसिक शिक्षा अधिकारी और एसडीएम भी शामिल हैं। हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि अभी 8 मदरसे ऐसे मिले हैं जो पिछले 10 सालों से अधिक समय से संचालित हो रहे हैं। यहां 500 से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। लेकिन, इनका कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है। इन सभी की रिपोर्ट तैयार कर जिलाधिकारी को सौंपी जाएगी।