रायपुर। डेस्क। जीवन में किसी भी चीज का त्याग करने का अर्थ सिर्फ भौतिक सुखों को नकारना नहीं होता है। मन में प्रकट हो रहे भाव और मन की चंचलता और तमाम प्रकारकी कामनाओं को दबाना भी एक प्रकार का त्याग होता है। ऐसा कहा जाता है कि यदि त्याग को समझना है तो भगवान राम को जानो। जिन्होनें अपनें पिता के मान के लिए राजा की गद्दी को छोड़ा और वनवास काटा, उनका ये त्याग आज के दौर में भी प्रासंगिक है। सफलता के कई मूल मंत्र हैं, जिसको अपनाकर व्यक्ति उंचाईयों को हासिल कर सकता है, लेकिन सिर्फ त्याग ही एक ऐसा गुण है जिससे व्यक्ति महान बन सकता है। आइए पढ़ते हैं त्याग से जुड़े कुछ प्रेरक वाक्य।
मान्यता है कि जिस व्यक्ति का जितना बड़ा लक्ष्य होता है, उसको त्याग भी उतना ही बड़ा करना पड़ता है।
आसानी से हासिल किया गया लक्ष्य जीवन में आपको सफल तो बना सकता है, लेकिन शिखर तक नहीं पहुंचा सकता।
जीवन में थोड़े समय के किया गया त्याग आपको भविष्य में बड़ी सफलताओं को दिलाने का कारण बनता है। यही कारण है कि जो विद्यार्थी अपने शुरुआती जीवन में त्याग करता है और भौतिक चीजों के मायाजाल में नहीं फंसता है, उनके लिए सफलता हासिल करना आसान होता है।
यदि आपके भीतर बुरी आदतें हैं तो वो आप की सफलता की राह में रोड़ा बन सकती हैं। इन आदतों से बच कर रहना, या फिर कहें कि इनका त्याग करना ही आपकी सफलता की राह को आसान बनाता है।
महान व्यक्ति कभी भी अपने स्वार्थ के लिए त्याग को नहीं अपनाता है, बल्कि उसका त्याग हमेशा दूसरों के हित के लिए होता है।
वास्तव में जो व्यक्ति दूसरों के हित में अपने सुखों का त्याग कर सकता है, वही साधारण मनुष्य से ऊपर उठकर एक महामानव बनता है। ऐसे महामानव ही समाज, देश और सृष्टि के कल्याण का निमित्त बनते हैं।
जीवन में अवश्यकताएं जितनी कम होगी, सुख उतना ही अधिक होगा। अवश्यकताओं का त्याग करना अपके आने वाले कल को बेहतर बनाता है।