अकोला/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। पिछले कुछ समय से वो काफी बीमार था। अस्पताल में भर्ती था। उसकी तबीयत बिगड़ती ही गई। एक वक्त ऐसा आया कि डॉक्टर ने नब्ज टटोला और उसे मृत घोषित कर दिया। उसे अर्थी पर लिटाकर ले जाया जा रहा था। श्मशान घाट के रास्ते में ‘राम नाम सत्य है…’ कहा जा रहा था। तभी अचानक अर्थी हिलने लगी। अर्थी के हिलने से लोग घबराए और डरते हुए पास ही मौजूद गांव के मंदिर तक पहुंचे। मंदिर की सीढ़ियों पर अर्थी रखी गई। थोड़ी देर में अर्थी पर लेटा हुआ शख्स उठ खड़ा हुआ! यह महाराष्ट्र के अकोला में हुआ।
यह घटना बुधवार को अकोला जिले के पातूर तालुका के विवरा गांव में हुई। अर्थी से उठ खड़े होने वाले युवक का नाम है प्रशांत मेशरे। प्रशांत मेशरे होमगार्ड है। कुछ दिनों से तबीयत खराब होने की वजह से उनके घरवालों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया था। बुधवार को उनकी तबीयत ज्यादा ही बिगड़ गई और डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
डॉक्टरों ने घोषित किया मृत, फिर जो हुआ, उसने किया चकित :
प्रशांत मेशरे की नसें रुक गई थीं। नस चोकअप होने की वजह से डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया। प्रशांत मेशरे की उम्र सिर्फ 25 साल थी। भरी जवानी में यूं चले जाने की खबर सुनते ही घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल हुआ। लेकिन फिर यह सोचते हुए कि होनी को कौन टाल सकता है, उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू की गईं।
अचानक ये क्या हुआ? वो अर्थी पर से उठ बैठा :
इसके बाद अर्थी पर लिटाकर जब प्रशांत मेशरे को ले जाया जा रहा था कि अचानक उनके शरीर में हरकतें शुरू हुईं। गांववालों को कुछ समझ नहीं आया। वे घबराकर पास ही मौजूद गांव के मंदिर तक पहुंचे। मंदिर की सीढियों पर अर्थी को रखा गया। फिर ये क्या? प्रशांत उठ बैठे।
चमत्कार देखने के लिए ऐसी भीड़ उमड़ी कि पुलिस बुलानी पड़ी :
कुछ ही देर पहले प्रशांत का शव कफन से लिपटा हुआ अर्थी पर पड़ा था और फिर कुछ ही देर बाद प्रशांत अर्थी से उठ खड़ा हुआ। गांव वालों ने ऐसा चमत्कार इससे पहले कभी नहीं देखा था। प्रशांत के अर्थी से उठ बैठने की खबर कुछ ही देर में गांव भर में फैल गई। सारा गांव यह दृश्य देखने के लिए मंदिर के पास उमड़ पड़ा। इतनी भीड़ जमा हो गई कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी। बस फिर क्या, गांव भर में चर्चा शुरू हो गई, प्रशांत के शरीर में देवी आई है…