बुंदेलखंड/रायपुर। डेस्क। बुंदेलखंड के महोबा में एक अनूठा विवाह देखने को मिला, जहां मंडप भी था, दूल्हा भी था और दुल्हन भी थी। लेकिन जगह सरकारी थी, यानी पुलिस चौकी में ही युवक और युवती ने साथ जीने मरने की कसमें खाकर विवाह संपन्न किया। एक-दूसरे को प्रेम करने वाले युवक-युवती चंद मिनटों में पति पत्नी बन गए। जाहिर-सी बात है कि विवाह जब पुलिस चौकी में हुआ तो बाराती भी पुलिसवाले बने। लंबे समय के इंतजार के बाद दोनों की मोहब्बत ऐसी परवान चढ़ी कि घरवालों की नाराजगी की परवाह किए बगैर दोनों ने साथ जीने और मरने की कसमें खा लीं। दरअसल, मध्य प्रदेश के महाराजपुर (छतरपुर जिला) निवासी चमन चौरसिया को महोबा निवासी नीलम चौरसिया से प्यार हो गया और धीरे-धीरे दोनों के बीच में हुआ प्यार परवान चढ़ गया। दोनों ने घर से भाग जाने की योजना बनाई। बीते दिनों नीलम चौरसिया अपना घर छोड़कर चमन चौरसिया के पास चली गई। घरवालों को जब जानकारी लगी कि लड़की घर से भाग गई है तो उन्होंने पुलिस में शिकायत पत्र देकर चमन चौरसिया के ऊपर कड़ी कार्रवाई की गुहार लगाई। इसके बाद पुलिस ने युवक और युवती को ढूंढने का प्रयास शुरू किया।

जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने युवती को युवक के घर से बरामद किया और प्रेमी जोड़े को लेकर महोबा की सुभाष चौकी पहुंचे। दोनों के परिजनों को बुलाया गया, तब लड़का-लड़की दोनों ने बताया कि वह एक दूसरे को बेइंतहा प्यार करते हैं और एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते। उन्होंने परिजनों और पुलिस के सामने बताया कि वह पहले ही कोर्ट मैरिज कर चुके हैं। हालांकि, पूरे मामले को लेकर लड़की पक्ष के लोगों ने कहा कि हमें इस शादी से कोई आपत्ति नहीं, लेकिन आज के बाद हमें अपनी लड़की से किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं रखना है।

वहीं, लड़के पक्ष ने इस शादी पर सहमति जाहिर की और पुलिस से अपनी दुल्हन को साथ ले जाने की गुहार लगाई। लड़की और लड़के का साथ रहने की बात सुनकर पुलिस ने सुभाष चौकी परिसर में बने मंदिर पर ही रस्मो रिवाज को पूरा कर लेने की बात कही। तब लड़का और लड़की ने अपने परिजनों की मौजूदगी में मंदिर में विवाह को संपन्न किया।

लड़की पक्ष खफा :
दुल्हन बनी नीलम चौरसिया ने कहा, वह बालिग है और उसे अपना जीवन आजादी से जीने का हक है। आगे कहा कि हम दोनों ने अपनी मर्जी से घर से भागकर शादी कर ली है। इस शादी से मेरे पति के परिजन संतुष्ट हैं, मुझे ससम्मान रखने के लिए तैयार हैं। लेकिन मेरे परिजन संतुष्ट नहीं हैं, उसने कहा कि अब शादी की सारी रस्में ससुराल पहुंचकर पूरी होंगी, अगर हमारे परिजनों को आना है तो वह शादी में आकर आशीर्वाद दें।

लड़केवालों को ऐतराज नहीं :
लड़के पक्ष को उनके आने पर किसी प्रकार का कोई एतराज नहीं है। फिलहाल हिंदू परंपरा के अनुसार हुई इस शादी में परिजनों के साथ-साथ पुलिसकर्मी और राहगीर भी बाराती बने। लड़का और लड़की को सामाजिक लोगों की तरफ से आशीर्वाद दिया गया। दुल्हन नीलम अपने पति चमन के साथ खुशी-खुशी अपनी ससुराल के लिए रवाना हो गई।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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