नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की करीब 4 महीने के बाद संसद में वापसी हो गई है। मोदी सरनेम मामले में उन्हें 2 साल की सजा हुई थी, जिसके बाद संसद की सदस्यता छिन गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर रोक लगाई तो राहुल की सदस्यता भी बहाल हो गई। सोमवार को जब राहुल लोकसभा पहुंचेंगे, तब ये 137 दिन बाद होगा जब वह फिर से सांसद कहलाएंगे।

मार्च में राहुल की सदस्यता गई थी, जुलाई में उन्हें गुजरात हाईकोर्ट से झटका लगा था और अब अगस्त में उन्हें फिर से सदस्यता मिल गई है। इन चार महीनों में भले ही राहुल संसद में नहीं गए थे, लेकिन सरकार के खिलाफ उनके आक्रामक तेवर कम नहीं हुए थे। राहुल ने लगातार अलग-अलग मसलों पर सोशल मीडिया के जरिए निशाना साधा।

राहुल की संसद सदस्ता का सफर :

13 अप्रैल, 2019: राहुल गांधी ने कर्नाटक की एक रैली में भाषण दिया। यहां उन्होंने ‘सारे चोरों का नाम मोदी क्यों होता है’ वाला विवादित भाषण दिया।

23 मार्च 2023: पूर्णेश मोदी द्वारा दाखिल अपील में सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई।

24 मार्च 2023: इसी के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता चली गई और सजा खत्म होने के 6 साल के बाद तक वह चुनाव लड़ने से दूर हो गए।

7 जुलाई 2023: राहुल गांधी ने 2 साल की सजा के खिलाफ जो अपील की थी, उसे गुजरात हाईकोर्ट ने ठुकरा दिया और सजा को बरकरार रखा।

4 अगस्त 2023: सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाई और इसी के साथ राहुल की संसद सदस्यता बहाल होने का रास्ता साफ हुआ।

7 अगस्त 2023: लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता को बहाल किया।

विपक्षी एकता में ताकत फूकेंगे राहुल :
राहुल गांधी जब सांसद नहीं थे, तब एक बड़ा बदलाव ये हुआ कि विपक्षी पार्टियों ने एकजुटता की कोशिश की। इसी दौरान INDIA का गठबंधन बना और तब ये माना जा रहा था कि राहुल गांधी चुनाव लड़ने, प्रधानमंत्री पद की रेस से बाहर हैं क्योंकि वो सांसद नहीं थे। लेकिन अब सजा पर रोक है और राहुल गांधी की फिर चुनावी, संसदीय प्रक्रिया में वापसी हुई है। राहुल अब फिर सांसद हैं तो वह आक्रामकता से सरकार पर हमला बोल पाएंगे और साथ ही इंडिया गठबंधन में भी उनके पास अगुवाई करने का मौका होगा।

अविश्वास प्रस्ताव की चर्चा में सरकार को घेरेंगे :
संसद का मॉनसून सत्र पूरी तरह से मणिपुर मसले पर हंगामे के बीच खत्म होता दिख रहा है। विपक्ष इस मांग पर अडिग था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मसले पर बयान देना चाहिए, जब ऐसा नहीं हुआ तो विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव ले आया था। इसी पर 8 अगस्त से संसद में चर्चा शुरू होनी है, जिसके बाद 10 अगस्त को पीएम मोदी जवाब देंगे।

राहुल गांधी की वापसी से विपक्ष को एक मुखर आवाज सदन में मिल पाएगी। वो पहले भी सदन में आक्रामक तरीके से बोलते आए हैं और सीधे पीएम मोदी पर हमला बोलते हैं, मणिपुर मसले पर मुखर राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव में विपक्ष का पक्ष रख सकते हैं।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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