बालोद/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। बालोद श्रम विभाग वाले मामले पर उक्त कर्मचारी के विरुद्ध कार्यवाही आदेश जारी कर दिया गया है। उक्त आदेशानुसार दोषी पाए गए श्रम कर्मचारी पर एफआईआर करने के निर्देश भी दिए गए है, दिनांक 4 अगस्त 2022 को कार्यवाही पत्र जारी किया गया था। बावजूद इसके अबतक किसी भी प्रकार की कार्यवाही बालोद श्रम पदाधिकारी द्वारा नहीं की गई है। सूत्रों की माने तो, कार्यवाही में देरी होने की वजह से संबंधित अधिकारियों ने पहले से ही बहाना प्लान कर के रख लिया है। त्योहार और छुट्टियों का बहाना मीडिया के सामने पेश करने के लिए पहले से रेडी है। सूत्रों के हवाले से एक और खबर सामने आ रही है, बताया जा रहा है कि उक्त श्रम कर्मचारी को बचाने के लिए विभागीय अधिकारी द्वारा देरी की जा रही है, जिससे उक्त दोषी कर्मचारी के साथ और भी अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका बढ़ती जा रही है। आपको बता दें, कि उक्त दोषी कर्मचारी का चॉइस सेंटर भी धड़ल्ले से चल रहा है।
आदेश जारी होने के बावजूद हो रही देरी :
आपको बता दें हाई कमांड से आदेश 4 अगस्त 2022 को जारी कर दिया गया था, जिसमे अबतक जिम्मेदार श्रम पदाधिकारी द्वारा किसी भी प्रकार का एक्शन नहीं लिया गया है। आदेश में साफ-साफ एफआईआर करने के निर्देश है, लेकिन मामले को दबाने का प्रयास इतने जोरो-शोरों से जारी है जैसे विभागीय अधिकारी अपने किसी पारिवारिक सदस्य को बचाने में लगे हो। श्रम पदाधिकारी के द्वारा एफआईआर में देरी के पीछे कहीं न कहीं उक्त कर्मचारी से नजदीकी रिश्ता भी मामले का जड़ हो सकता है। महज कलेक्ट्रेट से बालोद थाने की दूरी 3 किलोमीटर होने के बावजूद भी श्रम पदाधिकारी अपने कार्ययालय में बैठे रहते हैं और कार्यवाही करना मुनासिब नहीं समझ रहे।
अध्यक्ष और सचिव मामले में लगातार ले रहे फॉलोअप :
छत्तीसगढ़ श्रम विभाग एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष सुशील सन्नी अग्रवाल और सचिव अमृत खलखो लगातार इस मामले में फॉलोअप ले रहें हैं। आगे की कार्यवाही कैसे होगी? कबतक होगी? इसपर भी बड़े अधिकारी पूछ परख कर रहें हैं, जिससे विभागीय अधिकारियों की हालत टाइट है और वे कुछ न कुछ बहाना देते नजर आ रहें हैं।