नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत रखे गए लक्ष्य से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) बांटने में सफलता हासिल की है। ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान साहूकारों के चंगुल से मुक्त हो सकें। उन्हें खेती के लिए सस्ता लोन मिले। केंद्र ने 12 मई 2020 को घोषित आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत 2.5 करोड़ किसानों को खेती के लिए लगभग 2.00 लाख करोड़ रुपये देने का लक्ष्य रखा था। जबकि 3 करोड़ 27 लाख 87 हजार नए केसीसी मंजूर किए गए। इन कार्डधारकों को 3,72,537 लाख करोड़ रुपये की रकम लोन के रूप में मिलेगी।

मोदी सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए कृषि ऋण देने के टारगेट को 18 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। जो पिछले साल 16.5 लाख करोड़ रुपये ही था। लोन देने का टारगेट इसलिए बढ़ाया गया है ताकि किसानों को आसानी से लोन मिल पाए। सरकार की मंशा यह है कि पीएम किसान योजना के सभी लाभार्थियों को केसीसी स्कीम का लाभ मिले। ताकि उन्हें साहूकारों से मोटे ब्याज पर पैसा लेने से मुक्ति मिले।

कैसे तेजी से बनाए गए केसीसी :
सबसे पहले केंद्र सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना को पीएम किसान स्कीम से जोड़ा। इससे कार्ड बनवाना आसान हो गया. पीएम किसान स्कीम की वजह से देश के 11.5 करोड़ किसानों का राजस्व रिकॉर्ड, आधार कार्ड और बैंक अकाउंट नंबर का डेटाबेस केंद्र सरकार के पास आ चुका है। इस रिकॉर्ड को केंद्रीय कृषि मंत्रालय और राज्य सरकार ने अप्रूव्ड किया हुआ है। इसलिए लाभार्थियों को 6000 रुपये मिल रहे हैं। ऐसे में केसीसी के लिए अप्लाई करने पर बैंक को यह साबित करने की जरूरत नहीं है कि आवेदक किसान है या नहीं। वो कार्ड बनाने में आनाकानी नहीं कर सकता. इसलिए केसीसी बनाने की प्रक्रिया में तेजी आई।

बैंकों पर सख्ती :
केंद्र सरकार ने बैंकों को सख्ती से कहा है कि अप्लीकेशन मंजूर होने के महज 14 दिन के भीतर किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर देना पड़ेगा। ऐसा न होने होने की सूरत में कार्रवाई हो सकती है। यही नहीं प्रोसेसिंग फीस माफ कर दी गई है। साथ ही बिना गारंटी लोन की सीमा में इजाफा करके इसे 1 लाख से बढ़ाकर 1.6 लाख रुपए कर दिया गया है। कार्ड बनवाने के लिए आप अपने नजदीकी बैंक में अप्लाई कर सकते हैं।

इन दस्तावेजों की होगी जरूरत :
ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर कार्ड, आधार कार्ड और पासपोर्ट में से किसी एक की कॉपी।
आप किसान हैं इसे साबित करने के लिए सर्टिफाइड राजस्व रिकॉर्ड देना होगा।
किसी और बैंक में कर्जदार न होने का शपथ पत्र देना होगा।

कितना लगेगा ब्याज :
किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत पशुपालन, डेयरी और मछलीपालन आदि के लिए किसानों को 7 फीसदी प्रति वर्ष की ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का अल्पकालिक लोन उपलब्ध है। किसानों को लोन समय पर चुकाने के लिए अतिरिक्त 3 फीसदी ब्याज प्रोत्साहन दिया जाता है। जिससे ब्याज की प्रभावी दर 4 फीसदी प्रति वर्ष ही रह जाती है। खेती के लिए 3 लाख रुपये मिलते हैं। जबकि मत्स्य पालन और पशुपालन के लिए 2 लाख।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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