नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। देश में इस वक्त तीन चुनावों को लेकर काफी चर्चा है। पहला गुजरात, हिमाचल प्रदेश का विधानसभा चुनाव, दूसरा राज्यसभा और फिर राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति चुनाव। राज्यसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। इसको लेकर सियासी गलियारे में हलचल काफी तेज है। राज्यसभा के तुरंत बाद राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है। लोकसभा, राज्यसभा और अलग-अलग विधानसभा में सदस्यों के आंकड़ों को देखें तो भाजपा काफी मजबूत स्थिति में है। ऐसे में हर किसी की नजर भाजपा के संभावित उम्मीदवार पर टिकी है। कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। आइए जानते हैं कि भाजपा में राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवारों के लिए कैसे चर्चा हो रही है? क्या कयास लगाए जा रहे हैं? किस वर्ग से भाजपा अपना उम्मीदवार बना सकती है?

पहले जान लीजिए राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?
राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा, राज्यसभा के सभी सांसद और सभी राज्यों के विधायक वोट डालते हैं। इन सभी के वोट की अहमियत यानी वैल्यू अलग-अलग होती है। यहां तक कि अलग-अलग राज्य के विधायक के वोट की वैल्यू भी अलग होती है। एक सांसद के वोट की कीमत 708 होती है। वहीं, विधायकों के वोट की वैल्यू उस राज्य की आबादी और सीटों की संख्या पर निर्भर होती है।

कौन लड़ सकता है राष्ट्रपति चुनाव?
चुनाव लड़ने वाला भारत का नागरिक होना चाहिए। उसकी उम्र 35 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। चुनाव लड़ने वाले में लोकसभा का सदस्य होने की पात्रता होनी चाहिए। इलेक्टोरल कॉलेज के पचास प्रस्तावक और पचास समर्थन करने वाले होने चाहिए।

वोटर्स कितने होंगे?
राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा, राज्यसभा और राज्यों के विधानसभा के सदस्य वोट डालते हैं। 245 सदस्यों वाली राज्यसभा में अभी 230 सांसद हैं। जून और जुलाई में 57 सदस्यों की सदस्यता खत्म हो रही है, हालांकि इनमें से 41 सीटों पर निर्विरोध सदस्य चुने जा चुके हैं, जबकि बची हुई सीटों पर 10 जून को चुनाव हो जाएंगे। राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत 12 राज्यसभा सांसद राष्ट्रपति चुनाव में वोट नहीं डालते हैं। वहीं, 543 सदस्यों वाली लोकसभा में अभी 540 सांसद हैं। तीन सीटें खाली हैं। इन पर भी चुनाव की प्रक्रिया जारी है। मतलब साफ है कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा की सभी खाली सीटों पर उपचुनाव हो जाएंगे। चुने गए सदस्य राष्ट्रपति चुनाव में वोट डालेंगे।

अब जानिए भाजपा कैसे उम्मीदवार खड़ा कर सकती है?
सूत्रों के मुताबिक 2014 के बाद से भाजपा वही कर रही है, जो किसी ने सोचा नहीं होगा। जैसे 2017 में अचानक से रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति और वैंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति चुना गया। उस वक्त तक इन दोनों नाम पर कोई चर्चा नहीं थी। इस बार भी कुछ ऐसा ही हो सकता है। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उत्तर प्रदेश के दलित और उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू आंध्र प्रदेश के कायस्थ परिवार से आते हैं। जिस वक्त रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति बनाए गए थे, उस वक्त वह बिहार के राज्यपाल भी थे। ऐसे में अभी के हालात को देखते हुए तीन वर्ग से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार उतारा जा सकता है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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