सूरत/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। ‘इश्क और जंग में सब कुछ जायज है…’ अब तक भले ही यह बात आपको सुनने को मिली हो, लेकिन एक प्रेमिका ने इसकी मिसाल तक पेश कर डाली। बॉयफ्रेंड अपनी परीक्षाओं के बीच उत्तराखंड में छुट्टियां मनाने निकल गया तो गर्लफ्रेंड उसकी जगह कॉलेज में एग्जाम देने बैठ गई। अब सजा के तौर पर डमी कैंडिडेट बनी लड़की की डिग्री रद्द करने और असल छात्र को तीन साल तक परीक्षा से वंचित किया जा सकता है।

गुजरात के सूरत स्थित वीर नर्मद दक्षिण गुजरात यूनवर्सिटी (VNSGU) का यह मामला है। यूनिवर्सिटी प्रबंधन अगर निष्पक्ष मूल्यांकन और परामर्शदात्री दल (FACT) की सिफारिश को स्वीकार करता है तो डमी उम्मीदवार के तौर पर परीक्षा देने बैठी लड़की की सरकारी नौकरी भी जा सकती है। इसके साथ ही उसकी खुद की डिग्री भी रद्द की जा सकती है, जो कि खुद उसी यूनिवर्सिटी की छात्रा रही है। वहीं, वास्तविक छात्र को भी अगले तीन साल तक परीक्षा देने से रोका जा सकता है। आमतौर पर यूनिवर्सिटी में जो छात्र अच्छे नंबरों से परीक्षा पास कर चुके, वो ही डमी कैंडिडेट के रूप में बैठ जाते हैं। पकड़ी गई यह लड़की भी अच्छे नंबरों से बीकॉम की परीक्षा पास कर चुकी है। फिलहाल सरकारी नौकरी कर रही है।

जांच समिति को पता चला कि कंप्यूटर की मदद से लड़की ने बॉयफ्रेंड की जगह रोल नंबर में अपना फोटो लगा लिया था और नाम में भी मामूली बदलाव कर लिया था, फिर बेधड़क एग्जाम हॉल में पेपर सॉल्व करने बैठ गई।

जानिए कैसे पकड़ी गई?
आमतौर पर परीक्षा हॉल में पर्यवेक्षक (Exam Supervisor) हर दिन बदलते हैं और उन्हें किसी भी कैंडिडेट के बारे में कुछ पता नहीं होता है। हालांकि, हर छात्र का वह रोल नंबर जरूर चेक करते हैं। इस मामले में उसी हॉल में परीक्षा दे रहे एक अन्य छात्र ने पर्यवेक्षक को सतर्क किया कि जिस सीट पर आज लड़की बैठी है, उस पर पिछले दिनों दूसरा लड़का परीक्षा दे रहा था। बस, इसी इनपुट के बाद डमी कैंडिडेट को पकड़ लिया गया।

बता दें कि लड़की इस साल अक्टूबर में हुई B.Com थर्ड ईयर की परीक्षा के दौरान पकड़ी गई थी और कमेटी ने हाल ही में जांच पूरी करने के बाद यूनिवर्सिटी प्रबंधन को सजा देने की सिफारिश भेजी है।

स्कूल के दिनों से फ्रेंडशिप :
कमेटी की पूछताछ के दौरान पता चला कि लड़की और लड़के के बीच स्कूल के समय से ही फ्रेंडशिप है। वहीं, लड़की को पकड़े जाने के बाद उसके बॉयफ्रेंड को भी बुलाया गया, जहां उसने बताया कि वह परीक्षा के दिनों उत्तराखंड की वादियों में घूमने के लिए निकल गया था। इससे पहले भी लड़का रेगुलर परीक्षा में फेल हो चुका है, जिसके बाद गर्लफ्रेंड ने डमी कैंडिडेट बनकर उसे पास करवाने का बीड़ा उठाया था।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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