नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। नेपाली पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड बीते 31 मई से तीन जून 2023 तक भारत की यात्रा पर थे। इस कार्यकाल में प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रचंड की यह पहली भारत यात्रा थी। इस दौरान उनकी पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात हुई। दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के बाद भारत-नेपाल के बीच कुल सात महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। पेट्रोलियम इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में भारत, नेपाल के साथ महत्वपूर्ण भागीदारी को तैयार हुआ है। वहीं भारत-नेपाल सीमा पर दोधरा चंदानी चेक पोस्ट पर आधारभूत ढांचे के विकास का समझौता हुआ है। सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस और इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन अफेयर्स, नेपाल के बीच भी एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं।

आइए जानते हैं कि इस दौरान कौन-कौन से महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं। कई बार इस तरह के सवाल प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। ऐसे में इन एग्जाम की तैयारी करने वाले कैंडिडेट्स को इसका जवाब जानना बहुत ही जरूरी है, जैसे कि वह परीक्षा में अच्छा स्कोर कर सकें।

भारत- नेपाल समझौता 2023 :
नेपाल और भारत के बीच पहले से चल रही पारगमन संधि साल 2019 में समाप्त हो गई थी। नया समझौता होने के बाद नेपाल की पहुंच भारत के समुद्री बंदरगाहों, कार्गो परिवहन और अंतर्देशीय जलमार्ग तक आसानी से हो जाएगी। इससे नेपाल को बड़ी सुविधा मिल जाएगी। वह भारत के माध्यम से दुनिया के अन्य हिस्सों से जुड़ जाएगा। नई संधि उसके लिए काफी किफायती साबित होने वाली है।

नेशनल हाइड्रो पॉवर कार्पोरेशन (NHPC) एवं नेपाली विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड के बीच एक अहम समझौता हुआ है। इसके माध्यम से नेपाल की फुकोट-करनाली जल विद्युत परियोजना के विकास में भारत सरकार की कंपनी नेशनल हाइड्रो पॉवर कार्पोरेशन महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाली है।

भारत के सतलुज जल विद्युत निगम के साथ नेपाल की लोअर अर्जुन हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजना के लिए इन्वेस्टमेंट बोर्ड ऑफ नेपाल के बीच समझौता हुआ है। इसके तहत सतलुज जल विद्युत निगम पूरे प्रोजेक्ट का अध्ययन करेगा फिर प्रोजेक्ट रिपोर्ट फाइल करेगा और इसे अंतिम रूप देगा।

नेपाल में भारत पहले से ही कई जल विद्युत परियोजनाओं में अहम योगदान देता आ रहा है। इसमें 900 मेगावाट क्षमता की परियोजना अरुण-III और 490 मेगावाट क्षमता की परियोजना अरुण-4 का विकास शामिल है। ये दोनों प्रोजेक्ट जल विद्युत से संबंधित हैं।

भारत से नेपाल जाने वालों को अब नकदी या करेंसी एक्सचेंज की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा। दोनों ही देशों के बीच क्रॉस बॉर्डर पेमेंट के लिए नेशनल पेमेंट्स कार्पोरेशन ऑफ इंडिया और नेपाल क्लियरिंग हाउस लिमिटेड के बीच समझौता हुआ है। अब आसानी से यूपीआई के जरिए पेमेंट किया जा सकेगा, ठीक वैसे ही, जैसे भारत में हम करते आए हैं।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! You are not allowed to copy this page, Try anywhere else.