नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हमें गुलामी की मानसिकता से शत-प्रतिशत मुक्ति का संकल्प लेकर आगे बढ़ना है। आज हर क्षेत्र में भारत दुनिया की महाशक्तियों के साथ कदमताल करते हुए आगे बढ़ रहा है। लेकिन भारतीय नौसेना के झंडे में अबतक गुलामी का एक प्रतीक जुड़ा रहा। इसे अब हटाया जा रहा है। आज दो सितंबर को इंडियन नेवी को नया झंडा मिल रहा है। नेवी का निशान इसका झंडा अब नए रूप में सभी वॉरशिप, ग्राउंड स्टेशन और नेवल एयरबेस पर लहराता दिखेगा। यह पहली बार नहीं है, जब इंडियन नेवी के झंडे में बदलाव किया गया हो। इससे पहले भी चार बार इंडियन नेवी का निशान बदला जा चुका है। आइए जानते हैं, कब-कब क्या बदलाव हुए और इंडियन नेवी के नए झंडे के क्या मायने हैं।
नेवी का नया झंडा कैसा है?
ऊपर जो आप तस्वीर देख रहे हैं (हेडिंग में), वही है नेवी का नया झंडा। इसमें पहले से मौजूद क्रॉस को हटा दिया गया है, जो ब्रिटिश काल का प्रतीक था। क्रॉस को हटाने के बाद इंडियन नेवी के क्रेस्ट को इस निशान में शामिल किया गया है, जो एंकर (लंगर डालना) का प्रतीक है। विक्रांत की कमिशनिंग कार्यक्रम के दौरान नया नेवल निशान मिल रहा है।
कब-कब बदली नेवी की पहचान?
1950 – नेवी के निशान में यूनियन जैक को हटाकर तिरंगा जोड़ा गया।
2001 – नेवी के फ्लैग से सेंट जॉर्ज के रेड क्रॉस को हटाया गया।
2004 – नेवी के निशान में सेंट जॉर्ज के रेड क्रॉस की वापसी हुई।
2014 – अशोक चिह्न के नीचे सत्यमेव जयते भी लिखा गया।
2022 – क्रॉस को हटाया गया और क्रेस्ट को शामिल किया गया।
छत्रपति शिवाजी से प्रेरणा :
नेवी के नए झंडे में ऊपर एक कोने पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा है। वहीं आधे भाग में नेवी का क्रिस्ट है। नीले रंग का यह प्रतीक अष्टकोण की आकृति में है, जो चारों दिशाओं और चारों कोणों यानी आठों डायरेक्शन में इंडियन नेवी की रीच को दिखाता है। इस अष्टकोणीय प्रतीक के नीचे देवनागरी में नौसेना के सूत्रवाक्य ‘शंं नो वरुण:’ अंकित किया गया है। इस सूत्रवाक्य का मतलब है- जल के देवता वरुण हमारे लिए मंगलकारी रहें। भारतीय सनातन परंपरा में वरुण को जल का देवता माना गया है। किनारे पर दो गोल्डन बॉर्डर वाला अष्टकोणीय प्रतीक देश के महान मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी की शील्ड से प्रेरित होकर लिया गया है। वही शिवाजी, जिनके दूरदर्शी समुद्री दृष्टिकोण ने विश्वसनीय नौसैनिक बेड़े की स्थापना की। 60 फाइटिंग शिप और 5000 सेना के साथ उन्होंने समुद्री मार्ग से घुसपैठ करनेवाली बाहरी ताकतों को चुनौती दी थी।
नए झंडे के क्या मायने हैं?
नेवी के झंडे में इस बदलाव से एक संदेश तो साफ जाता है कि हमें गुलामी का प्रतीक हटा देना है। जैसा कि पीएम मोदी ने लाल किले से अपने संबोधन में कहा था। अबतक चले आ रहे झंडे को देखें तो जो क्रॉस इसमें है, वह ब्रिटेन के नेशनल फ्लैग से मिलता है। सफेद रंग पर लाल क्रॉस को सेंट जॉर्ज क्रॉस के रूप में जाना जाता है। सेंट जॉर्ज क्रॉस ईसाई संत के नाम पर रखा गया है, जो तीसरे धर्मयुद्ध के योद्धा माने जाते हैं। इंग्लैंड के नेशनल फ्लैग पर भी इन्हीं सेंट जॉर्ज क्रॉस का निशान है।
अब सभी वॉरशिप, ग्राउंड स्टेशन और नेवल एयरबेस पर नेवी का निशान यानी झंडा लहराता दिखेगा। नए झंडे से भारत को औपनिवेशिक अतीत से मुक्ति मिलेगी और यह भारत की समृद्ध समुद्री हैरिटेज को दिखाएगा।