नई दिल्ली/रायपुर। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ईरान के अपने समकक्ष हुसैन आमिर अब्दुल्लाहियन के साथ बुधवार को अफगानिस्तान, यूक्रेन और अन्य क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने करोबार, स्वास्थ्य, लोगों के बीच सम्पर्क सहित द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की। ईरान के विदेश मंत्री की भारत यात्रा ऐसे समय हुई है, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो पूर्व पदाधिकारियों की पैगंबर मोहम्मद पर की गई विवादास्पद टिप्पणी को लेकर पश्चिम एशियाई देशों द्वारा आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है। बैठक के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘ईरान के विदेश मंत्री आमिर अब्दुल्लाहियन के साथ विविध विषयों पर व्यापक चर्चा हुई। हमने करोबार, सम्पर्क, स्वास्थ्य, लोगों के बीच सम्पर्क सहित द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की।”

वैश्विक मुद्दों पर विचारों का किया आदान प्रदान
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान, यूक्रेन, संयुक्त व्यापक कार्य योजना (जेसीपीओए) सहित क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान किया।” दोनों पक्षों के बीच सिविल और वाणिज्यिक मामलों में साझा कानूनी सहायता के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इससे पहले, जयशंकर ने मुलाकात की तस्वीर के साथ ट्वीट किया, ‘‘नई दिल्ली में ईरान के विदेश मंत्री आमिर अब्दुल्लाहियन का स्वागत। आज हमारी चर्चा में हमारे करीबी और मित्रतापूर्ण संबंध प्रदर्शित होंगे।” बता दें कि ईरान के विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियन द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ करने के उद्देश्य से भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। इस यात्रा का मकसद द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के साथ अफगानिस्तान सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करना है।

मुंबई और हैदराबाद की भी यात्रा करेंगे
विदेश मंत्रालय के अनुसार, अब्दुल्लाहियन नई दिल्ली में बैठकों के बाद मुंबई और हैदराबाद की भी यात्रा करेंगे। मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ईरान के विदेश मंत्री की भारत यात्रा से दोनों देशों के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंधों और गठजोड़ को और मजबूत बनाया जा सकेगा। अब्दुल्लाहियन की भारत यात्रा ऐसे समय हुई है, जब पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ भाजपा के दो पूर्व नेताओं के विवादित बयान को लेकर कुवैत, कतर के साथ ईरान ने भारतीय राजदूत को तलब कर विरोध दर्ज कराया था। भारत ने इस मुद्दे पर इस्लामिक देशों के संगठन (ओआईसी) की टिप्पणियों को सिरे से खारिज कर दिया था। खाड़ी क्षेत्र में ईरान, भारत के लिए एक महत्वपूर्ण देश है। दोनों पक्षों ने दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिम एशिया में सम्पर्क बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है।

लगातार ईरान के सम्पर्क में भारत
पिछले वर्ष ताशकंद में सम्पर्क सम्मेलन में विदेश मंत्री जयशंकर ने चाबहार बंदरगाह को अफगानिस्तान सहित क्षेत्रीय पारगमन के एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में पेश किया था। वहीं, पिछले वर्ष अगस्त में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद भारत लगातार ईरान के सम्पर्क में रहा है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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